चिड़ेवली | शिरगुल देवता की गाथा || Shirgul Devta Saga

सिरमौर के प्रमुख लोकदेवता शिरगुल हैं, जिनका जन्मस्थान राजगढ़ के शावगा गाँव में है तथा मुख्य मंदिर चूड़धार पर है। शिरगुल देवता से जुड़े सभी आयोजनों, जिनमें चिड़ेवली भी सम्मिलित है, में सर्वप्रथम देवता का लिम्बर (गाथा रूप) गाया जाता है। एक व्यक्ति लिम्बर गाता है और बीसियों लोगों का समूह बाजू लहराते हुए, हो-हो अथवा होऊ-होऊ का नाद करता है।

शिरगुल का लिम्बर(गाथा) इस प्रकार है (Shirgul Devta Gatha)

चार धूरो… हो-हो, पोण पाणी… हो-हो, राजा भूकड़ू… हो-हो, दुधमा राणी… हो-हो, इशरे नाने… हो-हो,
धरती चाणी… हो-हो, चाणी धरती… हो-हो, लीये रिंगे… हो-हो, चुड़ चुगट… हो-हो, भिये टिम्बे… हो-हो,
तूरे दैवा… हो-हो, दिलीये… हो-हो, खाण्डू तेरू, खिलिए… हो-हो, तू रे दैवा दखण दूर… हो-हो,
तेथीय भेटी सूइणे चूड़… हो-हो, चुड़ी दू, चडुए दुबटी पाई… हो-हो, मुझियो दिली पीपले पाई… हो-हो,
भाण्जे तेरे सासूले उब्बी उचाई… हो-हो, उबी उचाइयो बाँचणी लाई… हो-हो, भाण्जे तेरे सासूले उब्बी उचाई… हो-हो,
डबी उचाइयो बाँचणी लाई… हो-हो,बाँची बूँची कागली खीसे पाई ममीया बोलू शिरगुला, चुड़ीखे आई… हो-हो,
चूड़ तेरी दानवे खाई… हो-हो,जुगा होइला जुठा ही आई निवठा होईला निवठा आई… हो-हो, दिली देवए दिती मार… हो-हो,
राईके आई… हो-हो, राईके राणे समझी पाई… हो-हो, भेटी मुरो सुने पाई… हो-हो, चमाठिए लाई… हो-हो,
छिटकी घुड़ी पांवटे आई… हो-हो,पांवटे दुणी पाड़ा हाला… हो-हो, चुपे-चुपे बाणियौ पाडीने हाला… हो-हो,
देऔ म्हारा चुड़ीखे चाला… हो-हे, चमाठीए लाई… हो-हो, छिटकी घोड़ी शावगे आई… हो-हो,
शावगे तेरे पाणी ताल… हो-हो, भाइया बोलू छन्दा शीरा जुड़ीखै चाल… हो-हो, ऐरू बोलू भाये तेरे… हो-हो,
काठूआ, फाफरा चुड़ीयै, खाई न बौलू… हो-हो, जीरी झीन्‍जणी शावग री छौड़ी न बौलू… हो-हो,
ऐजी बातौ बोलियौ चुकी… हो-हो, बीजो पाड़ी ढाक ढाली माई तेरी… हो-हो, दुलमा, ऐसे बोलो… हो-हो,
आटी न शावगा जलमो ठाई… हो-हो, चमाठीए लाई… हो-हो, छिटकी घोड़ी आईणी आई… हो-हो,
काले बाग, शरण्पी पाई… हो-हे, पाछुखे देवेए नजर पाई… हो-हो, माई तेरी दुदमागइलो आई… हो-हो,
दुदमा माई… हो-हो, आइगी देवै… हो-हो, शरण्पी पाई… हो-हो, दानव मारे लाख हज़ार… हो-हो,
दिली देवए लाई पाड़ा वाका… हो-हो, पोईड़ी दिली शिरगुले रावण लांका… हो-हो, तोदी देवरा हाथ मुले… हो-हो,
शाई घोड़ी तोदी उपाई… हो-हो, चमाठीये लाई… हो-हो, छिटकी घोड़ी शाहड़ै… हो-हो, आई शाहड़ै देवी किया भोज… हो-हो,
बाइश शो बाकरे एक ही रोज… हो-हो

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